tag:blogger.com,1999:blog-6167611887407732252.post1668324161471366687..comments2024-03-14T08:13:22.119-07:00Comments on आम्रपाली: कैसे कमजोर होगी अंग्रेजी-2sushant jhahttp://www.blogger.com/profile/10780857463309576614noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-6167611887407732252.post-57711965773659840862008-07-31T01:07:00.000-07:002008-07-31T01:07:00.000-07:00मंजीत आपको धन्यवाद...हलांकि योगन्द्र यादव और सुधी...मंजीत आपको धन्यवाद...हलांकि योगन्द्र यादव और सुधीश पचौरी के साथ मेरी तुलना मेरे साथ ज्यादती है। जहां तक मैथिली का ब्लॉग शुरु करने की बात है, मैं इस पर विचार कर रहा हूं।sushant jhahttps://www.blogger.com/profile/10780857463309576614noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6167611887407732252.post-45023481157036879842008-07-30T09:07:00.000-07:002008-07-30T09:07:00.000-07:00झा साहब आप बेहतर एनालिस्ट है, मैं सगर्व आपमें अगला...झा साहब आप बेहतर एनालिस्ट है, मैं सगर्व आपमें अगला योगेन्द्र यादव वा सुधीश पचौरी देख रहा हूं। मैथिली का एक ब्लाग शुरु क्यो नहीं करते? मातृभाषा के प्रति इतना कर्तव्य तो है ही।Manjit Thakurhttps://www.blogger.com/profile/09765421125256479319noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6167611887407732252.post-90032507884664363052008-07-29T09:16:00.000-07:002008-07-29T09:16:00.000-07:00bhasa aur arth jo samnavay aapne is lekh ke jarie ...bhasa aur arth jo samnavay aapne is lekh ke jarie prastute kiya hai wah bahut hi kabile tarif hai,par mai yahan ak aur baat kahana chahunga hindi ke bolne walo ki sankhaya hindi ki jivan ke liye khafi hai, par hindi bolene walo ki aatma bhi english ka sarir dharan karna chahti hai,jo hindi ke liye khatre jaan padta haisanjayhttps://www.blogger.com/profile/13082414998310714301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6167611887407732252.post-32353727405724597522008-07-29T07:06:00.000-07:002008-07-29T07:06:00.000-07:00कैसे कमजोर होगी अंग्रेजी...आपका विश्लेषण स्तरीय लग...कैसे कमजोर होगी अंग्रेजी...आपका विश्लेषण स्तरीय लगा..मेरी मानें तो जब तक खुद हिन्दी वाले..अपने को दीन हीन मानते..समझते रहेंगे..अंग्रेजी का दायरा बढ़ता जाएगा..लेकिन सच ये भी है कि आज के माहौल में अंग्रेजी को दरकिनार करना भी मुमकिन नहीं..kiranhttps://www.blogger.com/profile/09573621372780048487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6167611887407732252.post-68955478730042802712008-07-29T01:53:00.000-07:002008-07-29T01:53:00.000-07:00दुनिया पर छाने वाली हिन्दी वैसी नहीं होगी जैसी की ...दुनिया पर छाने वाली हिन्दी वैसी नहीं होगी जैसी की आज है, या जैसी ब्लॉग, पत्रिकाओं, सम्पादकीय, पुस्तकों में देखने में आती है. वह कुछ विकृत हिंगलिश खिचड़ी जैसी होगी जिसे देवनागरी में लिखा जाएगा.<BR/><BR/>उसे हिन्दी कहा ज़रूर जाएगा पर वह काफी अलग होगी, शायद 'एमटीवी रोडीज़' वाली हिन्दी.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6167611887407732252.post-50165415188004434942008-07-28T20:48:00.000-07:002008-07-28T20:48:00.000-07:00गुरु माया जी, आपने मेरी कल्पना को बल प्रदान किया ह...गुरु माया जी, आपने मेरी कल्पना को बल प्रदान किया है। मैं इसी उधेरबुन में था कि क्या सारे के सारे अनिवासी भारतीय हिंदी को फैलाने में मदद दे रहें है या फिर सिर्फ अंग्रेजी में रुपान्तरित हो रहे हैं। धन्यवाद सर।sushant jhahttps://www.blogger.com/profile/10780857463309576614noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6167611887407732252.post-75967073028100719702008-07-28T10:29:00.000-07:002008-07-28T10:29:00.000-07:00लेकिन फिर सवाल ये उठता है कि एक भारतीय के अमरीका च...लेकिन फिर सवाल ये उठता है कि एक भारतीय के अमरीका चले जाने से हिंदी कैसे फैलेगी..या वहां के लोग हिंदी क्यों बोलेेंगे..जबकि अंग्रेजी में उनका काम मजे में चल रहा है।<BR/><BR/>ग़लत है आप का ये सवाल, क्योंकि :-<BR/><BR/><BR/>१. अमेरिकन यूनिवर्सिटी में तथा नासा में काम करने वाले भारतीयों ने संस्कृत में वेबसाईट बनाई है, जो मैंने ख़ुद देखी है.<BR/>२. विदेश जाने वाले भारतीय अपना समूह बनाते हैं और अपने त्यौहारों पर मिलते जुलते हैं.<BR/>वे अपनी संस्कृति नहीं भूलते हैं. हाँ ये बात अलग है उन सभी के बच्चे उनका अनुसरण नहीं करते हैं पर कईयों के तो अपने मंदिरों में जाते हैं, पूजा करते हैं. सिखों के बच्चे भी अपने गुरुओं से सबद सीखते हैं. <BR/><BR/>अतः उनके जाने से कमज़ोर होने के बजाय मज़बूत होगी अपनी भाषा. आख़िर अपना देश, अपनी धरती, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा नाम की भी कोई चीज़ होती है.E-Guru Mayahttps://www.blogger.com/profile/01199428710700413446noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6167611887407732252.post-38614574156812070662008-07-28T08:30:00.000-07:002008-07-28T08:30:00.000-07:00पढ़ते पढ़ते मन में इस पोस्ट की अन्तिम दो पंक्तिया ...पढ़ते पढ़ते मन में इस पोस्ट की अन्तिम दो पंक्तिया बार बार दस्तक दे रही थी.... और फ़िर आपने भी लिख दिया...हो जाए बड़ी अच्छी बात है.... और गौरव होगाRajesh Roshanhttps://www.blogger.com/profile/14363549887899886585noreply@blogger.com