tag:blogger.com,1999:blog-6167611887407732252.post5338633149581710355..comments2024-03-14T08:13:22.119-07:00Comments on आम्रपाली: राज ठाकरे नहीं....बिहारी नेताओं के घर में आग लगा दो...sushant jhahttp://www.blogger.com/profile/10780857463309576614noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-6167611887407732252.post-19180803409803727912008-10-28T22:40:00.000-07:002008-10-28T22:40:00.000-07:00आपने बात बिल्कुल सही हैं. ये बिहार का दुर्भाग्य ह...आपने बात बिल्कुल सही हैं. ये बिहार का दुर्भाग्य हैं, कि उसके सुपुतो को अपना जीवन यापन के लिए और अपनी पहचान बनाने के लिए बिहार से बाहर जाना पड़ता हैं. इन बातों को सोच कर रोना आता हैं. मगर क्या करे इन नेताओ ने वहाँ कि हालत ही ऐसी कर दी हैं कि हम मज़बूर हैं वहाँ से पलायन करने के लिए.<BR/><BR/>एक महत्वपूर्ण बात हैं कि चाहे हम अपनी कितनी ही अच्छी पहचान बिहार से बाहर क्यूँ ना बना ले, मगर हम बिहारी (बिहार के वासी)हैं और सदा बिहारी ही रहेंगे, कोई भी आकर हमे बिहारी बोल सकता हैं और लोग बोलते भी हैं कोई मुँह पर तो कोई पीछे.<BR/>ध्यान रहे यहाँ बिहारी बोलने वालों का बिहारी से तात्पर्य कदापि बिहार के वासी नहीं होता हैं, उनका तात्पर्य होता हैं देहाती, असभ्य, ग्वार. जबकि वो हमसे नाराज़ इस बात पर हैं कि हम अपने बातों के पक्के हैं और हम प्रोसेस से हट कर उनकी नाजायज़ मदद नहीं कर रहे हैं और देश / कंपनी के भले के प्रथम प्राथमिकता दे रहे हैं.<BR/>अब आप बताए कि असभ्य कौन है???Saurabhhttps://www.blogger.com/profile/12808782256985509387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6167611887407732252.post-24065316265063320692008-10-28T19:53:00.000-07:002008-10-28T19:53:00.000-07:00सही है बिहार की दुर्दशा के लिए नाटक बाज और बड़बोले...सही है बिहार की दुर्दशा के लिए नाटक बाज और बड़बोले बिहारी नेता ही जिम्मेदार है सबसे पहले इन्हे ही सबक सिखाना चाहिए |Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6167611887407732252.post-36056752851475977422008-10-28T13:18:00.000-07:002008-10-28T13:18:00.000-07:00वास्तव में ये भ्रष्ट नेता ही जिम्मेदार हैं। जनता त...वास्तव में ये भ्रष्ट नेता ही जिम्मेदार हैं। जनता तो कंगाल हो गई लेकिन इनकी सात पुस्तों का इन्तजाम हो गया। अब समय आ गया है कि इनको <BR/>जुतिया कर बाहर का रास्ता दिखा दिया जाए। केन्द्र में मन्त्री पद के लिए तो सौ नाटक करते हैं लेकिन विकास के लिए कोई दबाव नहीं बनाते। यही हाल पूर्वी उत्तर प्रदेश का भी है। एक ही शहर से प्रदेश में सात-आठ मन्त्री बनते हैं और पूरे पांच साल गुजर जाते हैं लेकिन विकास के नाम पर शुन्य। कहीं कोई लामबन्दी नहीं, कोई प्रेसर नहीं। जब वैसी सोच ही नहीं है तो विकास क्या खाक करेंगे? मेरा तो मानना है कि जनता ही इसके लिए दोषी है। उसके पास स्वयं विकास की भूख नहीं है। उसे तो बस झोली उठाकर दिल्ली, मुम्बई या पन्जाब जाना आसान लगता है। जब जनता जागेगी तभी कुछ हो सकता है, अन्यथा पटना में ट्रेन फूंकने से राज ठाकरे या उसकी अंधी पुलिस पर क्या फर्क पड़ेगा।वेद रत्न शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07181302813441650742noreply@blogger.com