tag:blogger.com,1999:blog-6167611887407732252.post6192212554398087866..comments2024-03-14T08:13:22.119-07:00Comments on आम्रपाली: शिवसेना की गुंडई के वक्त धमाके का मुफीद वक्तsushant jhahttp://www.blogger.com/profile/10780857463309576614noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-6167611887407732252.post-12521027928309233432010-02-16T23:37:05.227-08:002010-02-16T23:37:05.227-08:00२६\११ के साथ धमाके की जगह हमले पढ़ें. त्रुटिवश लिख...२६\११ के साथ धमाके की जगह हमले पढ़ें. त्रुटिवश लिख गया.Nikhil Srivastavahttps://www.blogger.com/profile/09127448331855827801noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6167611887407732252.post-48794708605903007902010-02-16T02:02:23.631-08:002010-02-16T02:02:23.631-08:00जब 26/11 के धमाके हुए तो किसकी गुंडई चल रही थी यह ...जब 26/11 के धमाके हुए तो किसकी गुंडई चल रही थी यह तो मुझे नहीं याद लेकिन यह जरूर गंभीर विषय है कि इन आतंकी घटनाओं के लिए अमेरिकी और यूरोपियन देश कहाँ तक उत्प्रेरक का काम कर रहे हैं. खामियाजा हम भुगत रहे हैं. हमें यह भी सोचना चाहिए कि आखिर ये आतंकी सीधे उन देशों में धमाके क्यूँ नहीं कर पा रहे, या जानकर नहीं कर रहे. कहीं ये सोची समझी साजिश तो नहीं? पिछले दो हमलों में सीधे तौर पर वेदेशी सैलानी निशाने पर क्यूँ हैं? क्या पाक वार्ता को रोकने के अलावा भी कुछ ऐसा है जो इन धमाकों की वजह बन रहा है. वैसे शिव सैनिक इतने भी खास नहीं हैं कि सुरक्षा एजेंसियां उनमें व्यस्त थीं. ये कनेक्शन निरर्थक लगा.Nikhil Srivastavahttps://www.blogger.com/profile/09127448331855827801noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6167611887407732252.post-24348076705815236432010-02-14T01:41:55.033-08:002010-02-14T01:41:55.033-08:00यह आलेख इसलिए ज्यादा अच्छा लगा क्योंकि यह तुरंत लि...यह आलेख इसलिए ज्यादा अच्छा लगा क्योंकि यह तुरंत लिखा गया है। लगातार मेहनत का नतीजा है कि धटना के कुछ ही धंटे बाद ऐसा दमदार आलेख पढ़ने को मिला। इस मुद्दे पर सब अखबार कल ही जाकर कुछ लिख पाएंगें। इस आलेख के लिए आपको साधुवादचंदन कुमार चौधरीhttps://www.blogger.com/profile/14681109381084518783noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6167611887407732252.post-50414255804063520382010-02-13T22:51:44.209-08:002010-02-13T22:51:44.209-08:00अब तो धमाकों को लेकर कुछ भी कहना मुश्किल है...असलि...अब तो धमाकों को लेकर कुछ भी कहना मुश्किल है...असलियत जाहिर होने के लिए इंतजार करना पड़ता है।Rangnath Singhhttps://www.blogger.com/profile/01610478806395347189noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6167611887407732252.post-76410785865856235422010-02-13T10:15:11.953-08:002010-02-13T10:15:11.953-08:00हूँ....लिखा बढ़िया लेकिन काश की न लिखना पड़ताहूँ....लिखा बढ़िया लेकिन काश की न लिखना पड़ताPratibha Katiyarhttps://www.blogger.com/profile/08473885510258914197noreply@blogger.com