(ज्योति पहले) |
बिहार के सुशासन का बड़ा शोर है, लेकिन इसका असली चेहरा कुछ और ही है। जाति के
बंधनों में जकड़े इस सूबे के हालात पर चाहे जितना लिखा जाए, कम ही होगा। लेकिन जाति ने कानून के हाथ भी
बांध दिए हैं।
22 सितंबर की शाम मेरे मित्र गौरव गया के दौरे पर थे। शाम में उनकी बातचीत शहर के मंगला गौरी मंदिर के पुजारी से हो रही थी। बातचीत के क्रम में ही प्रमोद कुमार वैद्य (पुजारी) फफक कर रोने लग गए। गौरव के बहुत पूछने पर उन्होंने बताया तो कुछ नहीं, बस अपनी बेटियों की तस्वीर आगे कर दी। गौरव तस्वीर देखकर सन्न रह गए।
उनकी बेटी ज्योति पर एक मनचले ने तेज़ाबी हमला कर दिया था। हमले में ज्योति और उनकी छोटी बहन श्रुति बुरी तरह घायल हो गए। ज्योति करीब 70 फीसद जल गई।
22 सितंबर की शाम मेरे मित्र गौरव गया के दौरे पर थे। शाम में उनकी बातचीत शहर के मंगला गौरी मंदिर के पुजारी से हो रही थी। बातचीत के क्रम में ही प्रमोद कुमार वैद्य (पुजारी) फफक कर रोने लग गए। गौरव के बहुत पूछने पर उन्होंने बताया तो कुछ नहीं, बस अपनी बेटियों की तस्वीर आगे कर दी। गौरव तस्वीर देखकर सन्न रह गए।
उनकी बेटी ज्योति पर एक मनचले ने तेज़ाबी हमला कर दिया था। हमले में ज्योति और उनकी छोटी बहन श्रुति बुरी तरह घायल हो गए। ज्योति करीब 70 फीसद जल गई।
लेकिन इस मामले में दो साल बीत जाने पर अब तक कोई
प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
हुआ यों कि गया शहर की ज्योति से मुहल्ले के एक मनचले टुनटुन कुमार को प्यार हो गया था। आए दिन वह ज्योति का पीछा किया करता था। लेकिन ज्योति के विरोध के बाद एक दिन, अहिंसा के पुजारी बापू के जन्मदिवस 2 अक्तूबर को अहिंसा के जन्मदाता महात्मा बुद्ध के स्थल गया में ज्योति पर तेजाबी हमला कर दिया गया। इस हमले में ज्योति बुरी तरह जल गई और उनकी बहन श्रुति भी बुरी तरह घायल हो गई। यह घटना साल 2010 की है।
हुआ यों कि गया शहर की ज्योति से मुहल्ले के एक मनचले टुनटुन कुमार को प्यार हो गया था। आए दिन वह ज्योति का पीछा किया करता था। लेकिन ज्योति के विरोध के बाद एक दिन, अहिंसा के पुजारी बापू के जन्मदिवस 2 अक्तूबर को अहिंसा के जन्मदाता महात्मा बुद्ध के स्थल गया में ज्योति पर तेजाबी हमला कर दिया गया। इस हमले में ज्योति बुरी तरह जल गई और उनकी बहन श्रुति भी बुरी तरह घायल हो गई। यह घटना साल 2010 की है।
(ज्योति, तेजाब हमले के बाद) |
जब श्री वैद इसकी शिकायत लेकर कोतवाली थाने गए तो
थाना प्रभारी सी के झा ने प्राथमिकी दर्ज करने के एवज़ में दस हज़ार रूपयों की
मांग की और नहीं देने पर प्राथमिकी दर्ज करने से मना कर दिया। टुनटुन (अभियुक्त)
के पिता प्रदीप कुमार झा ने श्री वैद को जान से मारने की धमकी भी दी।
अब इस घटना को दो साल बीत चुके हैं, लेकिन आर्थिक रूप से असहाय वैद के सामने कोई रास्ता नहीं बचा। ज्योति अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई को जारी रखने का मन बना चुकी है, लेकिन उसके पास इसका रास्ता नहीं...उसे नहीं पता कि आखिर उसे न्याय कैसे हासिल होगा।
आप सब इस पोस्ट को फेसबुक, ब्लॉग अपने अखबारों और बाकी सोशल साइट्स पर शेयर करें और ज्योति को कानूनी सहायता देने के लिए आगे आएं।
मंजीत ठाकुर
(यह पोस्ट मंजीत ठाकुर के ब्लॉग से लिया गया हैः http://gustakh.blogspot.in/2012/09/blog-post_24.html)
अब इस घटना को दो साल बीत चुके हैं, लेकिन आर्थिक रूप से असहाय वैद के सामने कोई रास्ता नहीं बचा। ज्योति अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई को जारी रखने का मन बना चुकी है, लेकिन उसके पास इसका रास्ता नहीं...उसे नहीं पता कि आखिर उसे न्याय कैसे हासिल होगा।
आप सब इस पोस्ट को फेसबुक, ब्लॉग अपने अखबारों और बाकी सोशल साइट्स पर शेयर करें और ज्योति को कानूनी सहायता देने के लिए आगे आएं।
मंजीत ठाकुर
(यह पोस्ट मंजीत ठाकुर के ब्लॉग से लिया गया हैः http://gustakh.blogspot.in/2012/09/blog-post_24.html)