Friday, September 18, 2009

मोदी आज सठिया गए...

वैसे तो मोदी के कई फैसले पहले से ही इशारा कर रहे थे कि वे सठिया चुके हैं लेकिन आज अखबारों से पता चला कि वे वाकई सठिया गए हैं। वैसे सुना कि जब नेता सठियाता है तो क्रिकेट संस्थानों पर कब्जा कर लेता है। मोदी ये हाल ही में काम कर चुके हैं। लालू और पवार भी सठियाए थे तो उन्होने बिहार और देश स्तर के क्रिकेट संस्थाओं पर कब्जा कर लिया था।

वैसे एक थ्योरी ये भी है कि नेता सठियाता है तो दंगे करवाने लगता है। 90 के दशक में लालकृष्ण आडवाणी सठियाए थे तो बाबरी-अयोध्या दंगा हुआ था। उससे भी पहले सुना कि आजादी से पहले एक बार जिन्ना सठियाए थे तो देश भर में यादगार दंगे हुए थे। उस हिसाब से मोदी बहुत पहले सठिया चुके हैं, वैसे सर्टिफिकेट पर आज सठियाए हैं।

बुजुर्गों का कहना है कि नेता जब सठिया जाता है तो वो संत किस्म का हो जाता है। सुना कि वो अपने पाप का घड़ा भरकर पूण्य लूटने निकल जाता है। जिन्ना भी पाकिस्तान के जन्म के बाद वहां कि नेशनल एसेंबली में उदारवादी भाषण देते हुए पाए गए। आडवाणी ने जिन्ना के मजार पर पर सजदा किया, लालू ने मांसाहार छोड़ दिया और पवार ने विदेशी मूल की महिला का विरोध करना छोड़ दिया। हो सकता है कि मोदी भी कुछ ऐसा ही करें। वैसे मोदी ने रतन टाटा से आशीर्वचन (नैनो) लेकर संत-त्व तरफ एक कदम बढ़ा ही दिया है। उनका अगला कदम देव-त्व की तरफ होगा जिसके लिए वे अपने वरिष्ठ आडवाणी की तरह बुजुर्ग नहीं होना चाहते।

4 comments:

संगीता पुरी said...

मोदी 2010 में 60 पूरे कर रहे हैं .. पहले से ही सठिया गए ?

sushant jha said...

मेका कहना था कि साठ साल में प्रवेश कर गए हैं..:)

संजय बेंगाणी said...

आज पता चला भारत में तीन बार ही दंगे हुए. जिन्ना, आड-अडवाणी-मोदी के कारण.

अगर तीन से अधिक बार हुई तो उनके लिए कौन जिम्मेदार थे? क्या वे बिना सढ़ियाए ही दंगे करवाते थे? लिस्ट में उनके नाम भी डालो श्रीमान.

सुबोध said...

मोदी नहीं बीजेपी सरीखी पूरी प़ॉलिटिक्स सठिया गई है...